किताबें: मेरी सच्ची दोस्त
जैसे -जैसे ज़माना बदल रहा है लोग भी बदल रहे हैं लोगों के अन्दर से दूसरों के लिए प्रेम तथा स्नेह की भावना लगभग समाप्त होती नजर आ रही है। कुछ लोग जो कभी अपनी जान से भी ज्यादा प्यारे थे उन्होंने इस बदलते दौर की चपेट में आकर साथ छोड़ दिया। यह मेरा खुद का अनुभव है, मैंने मां- बाप के अलावा हर रिश्ते में मिलावट देखी है। ऐसे में जरूरत है एक सच्चे दोस्त की जिसमें सुख -दुख बांटने की क्षमता हो।
तो आइए अब बात करते हैं कि इस बदलते दौर में हम अपने लिए एक सच्चे दोस्त की तलाश कैसे करें? इसके लिए हमें कहीं और जाने की जरूरत नहीं है बल्कि उसी स्टडी टेबल की ओर नजर दौड़ानी है जहां पर बुजुर्गों ने नौकरी पाने के बाद कभी झांका भी नहीं और मेरे हमउम्र साथियों ने ...So Called Distraction( जो आजकल नव जवानों में काफी जोर पर है) की वजह से कभी ध्यान नहीं दिया।
हफीज़ बनारसी जी ने भी लिखा है-
"वफ़ा नज़र नहीं आती कहीं जमाने में,
वफ़ा का जिक्र किताबों में ढूंढ लेते हैं।"
1 - My hope for tomorrow- Ruby Dhal
2- Memories Unwound- Ruby Dhal
3- you can win - by Shiv Khera
4-Think and grow rich - nepolialn hill
5- मेरी जीवन यात्रा - Dr. Apj Apj abdul Kalam
और निशांत जैन जी ( I. A.S) की कुछ किताबें जो मेरे लिए किसी जड़ी- बूटी से कम नहीं हैं।
किसी ने क्या ख़ूब लिखा है -
" इश्क कर लीजिए बेइंतहा किताबों से
एक यही हैं जो अपनी बातों से पलटा नहीं करती"
यही एक ऐसी साथी हैं जिनकी मदद से हम सफलता को छू सकते हैं।
- Deepika 😊
( Give a smile to everyone 😊)
तो आइए अब बात करते हैं कि इस बदलते दौर में हम अपने लिए एक सच्चे दोस्त की तलाश कैसे करें? इसके लिए हमें कहीं और जाने की जरूरत नहीं है बल्कि उसी स्टडी टेबल की ओर नजर दौड़ानी है जहां पर बुजुर्गों ने नौकरी पाने के बाद कभी झांका भी नहीं और मेरे हमउम्र साथियों ने ...So Called Distraction( जो आजकल नव जवानों में काफी जोर पर है) की वजह से कभी ध्यान नहीं दिया।
इस बदलते वक्त में जहां सच्चे दोस्तों का अकाल है, वहीं मैंने पाया है अपनी एक सच्ची दोस्त, जोकि मेरी गुरु तथा मित्र दोनों हैं, वह हैं किताबें।किताबें, कागज़ ,पेन यह सब दिल का बोझ हल्का करने का अच्छा साधन है। यदि आप बहुत दुःखी हो तो अपने मन की वेदना को कागज़ पर लिखना दुःख कम करने का एक अच्छा उपाय हो सकता है और यह आपकी लिखी गई बातों को कहीं और जाकर कहेंगी नहीं सो अलग।
हफीज़ बनारसी जी ने भी लिखा है-
"वफ़ा नज़र नहीं आती कहीं जमाने में,
वफ़ा का जिक्र किताबों में ढूंढ लेते हैं।"
किताबें ही ऐसी शिक्षक हैं जो बिना आलोचना किए, बिना कष्ट दिए और बिना परीक्षा लिए हमें शिक्षा देती हैं।मैं अपनी कुछ पसंदीदा किताबों के नाम आपके साथ साझा कर रही हूं... उम्मीद है यह आपके लिए भी लाभकारी साबित होंगी-
1 - My hope for tomorrow- Ruby Dhal
2- Memories Unwound- Ruby Dhal
3- you can win - by Shiv Khera
4-Think and grow rich - nepolialn hill
5- मेरी जीवन यात्रा - Dr. Apj Apj abdul Kalam
और निशांत जैन जी ( I. A.S) की कुछ किताबें जो मेरे लिए किसी जड़ी- बूटी से कम नहीं हैं।
किसी ने क्या ख़ूब लिखा है -
" इश्क कर लीजिए बेइंतहा किताबों से
एक यही हैं जो अपनी बातों से पलटा नहीं करती"
यही एक ऐसी साथी हैं जिनकी मदद से हम सफलता को छू सकते हैं।
- Deepika 😊
( Give a smile to everyone 😊)
Woow
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी पोस्ट है दीपिका मैम
ReplyDeleteधन्यवाद आपका
Thanks 😊
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