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Showing posts from May, 2020

किताबें: मेरी सच्ची दोस्त

जैसे -जैसे ज़माना बदल रहा है लोग भी बदल रहे हैं लोगों के अन्दर से दूसरों के लिए प्रेम तथा स्नेह की भावना लगभग समाप्त होती नजर आ रही है। कुछ लोग जो कभी अपनी जान से भी ज्यादा प्यारे थे उन्होंने इस बदलते दौर की चपेट में आकर साथ छोड़ दिया। यह मेरा खुद का अनुभव है, मैंने मां- बाप के अलावा हर रिश्ते में मिलावट देखी है। ऐसे में जरूरत है एक सच्चे दोस्त की जिसमें सुख -दुख बांटने की क्षमता हो।          तो आइए अब बात करते हैं कि इस बदलते दौर में हम अपने लिए एक सच्चे दोस्त की तलाश कैसे करें? इसके लिए हमें कहीं और जाने की जरूरत नहीं है बल्कि उसी स्टडी टेबल की ओर नजर दौड़ानी है जहां पर बुजुर्गों ने नौकरी पाने के बाद कभी झांका भी नहीं और मेरे  हमउम्र साथियों ने  ...So Called Distraction( जो आजकल नव जवानों में काफी जोर पर है) की वजह से कभी ध्यान नहीं दिया।         इस बदलते  वक्त में जहां सच्चे दोस्तों का अकाल है, वहीं मैंने पाया है अपनी एक सच्ची दोस्त, जोकि मेरी गुरु तथा मित्र दोनों हैं, वह हैं किताबें।         किता...

ईश्वर से भेंट

हम अक्सर कहते हैं और लोगों से सुनते भी हैं कि ईश्वर को पाना काफी दुर्लभ है और उसके लिए कई सालों की तपस्या करनी पड़ती है , पर जहां तक मुझे पता है कि ईश्वर को पाने से सहज संसार में दूसरा कुछ नहीं है। यदि हम मन की पवित्रता तथा पूर्ण श्रद्धा से अपने अराध्य का स्मरण करते हैं तो वह स्वयं एक अदृश्य रूप में हमारे सम्मुख आ जाते हैं।              ईश्वर को पाने का एकमात्र साधन उनकी पूजा या फल -फूल  चढ़ाना ही नहीं अपितु हम अन्य कई तरीकों से उन्हें ( ईश्वर)  पा सकते हैं। हमारे प्राचीन ग्रंथों एवं पुराणों में वर्णित है कि पृथ्वी पर मौजूद प्रत्येक जीव में ईश्वर निवास करते हैं, वह मनुष्यों में भी मौजूद हैं तो पशु -पक्षियों में  और वनस्पतियों में भी। इसीलिए हमें प्रत्येक जीव को प्रेम के नजरिए से देखना चाहिए।           हमें हमारे आसपास के लोगों के दुःख-सुख को अपना समझकर उसमें हिस्सा लेना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति अपनी सफलता से प्रसन्न है तो हमें उसका उत्साह बढ़ाना चाहिए और यदि कोई निराश हैं तो अपनी क्षमतानुसार उसकी पूर्ण सहायता...

Defeat Procrastination

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Well friends, delaying the work you have to do is known as procrastination.  I want to share, that when ever I do some work I think of it what to do? How the work complete? and Where the problems may come! Actually, this too is a form of procrastination. According to scientific research procrastination acts like an addiction, which grow as much as we do it.  OR  " The more we feed it , the more we become dependent on it " Then what is the way to get rid of it, Well it's simply just don't FEED it. Imagine there is a monster in your house in a cage and you have to terrible get rid of him. S o if you feed him , he will grow stronger and more powerfull and break the cage to kill you. And if you don't feed him , and keep patience , then he will automatically die out of hunger. "In practical case, try to keep patience and don't feed procrastination for even very simple thing." And the best method for me is  5 second rule : So, before doing any task Imagine...

माताओं को करें सम्मानित या महसूस करवाएं स्पेशल

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मां की याद में क्या है आपके दिल में लिखें Your Specific Prayer for your mother नींद अपनी भुलाकर सुलाया हमको, आंसू अपने गिराकर हंसाया हमको, दर्द कभी ना देना उस भगवान को, भगवान भी कहता है माँ जिसको… मौका मिले जब भी कोई तुम्हे, उस माँ को खुशी दिए जाना, खुशी हो या गम के बादल, सदा खुश रखना और मुस्कुराना…. माँ तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओ, थक गया हूँ मुझे अपने आँचल में सुलाओ, उँगलियाँ फेर कर बालों में मेरे, एक बार फिर से बचपन की लोरियाँ सुनाओ प्यार करना कोई तुमसे सीखे प्यार कराना कोई तुमसे सीखे तुम ममता की मूरत ही नहीं, सब के दिल का एक टुकड़ा हो मैं कहती, कहता हूँ माँ, तुम हमेशा ऐसी ही रहना… मंजिल दूर और सफ़र बहुत है, छोटी सी ज़िन्दगी की फिकर बहुत है, मार डालती ये दुनिया कब की हमें, लेकिन माँ की दुआओं में असर बहुत हैं…. चीनी से भी स्वीट है मेरी मां फूलों से भी सुंदर है मेरी मां दुनिया में सबसे बेस्ट है मेरी मां रुके तो चांद जैसी, चले तो हवाओं जैसी मां ही है इस दुनिया में भगवान जैसी मां से रिश्ता ऐसा बनाए जाए, जिसको निगाहों में बिठ...

राष्ट्र रक्षा सूत्र

भारत के   चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ  विपिन रावत  ने कहा  है कि भारत का हर व्यक्ति भारतीय सेना के बारे में नीचे लिखे वाक्यों को अवश्य पढ़े। आपसे सादर आग्रह है कि कृपया इन अमूल्य 'राष्ट्र रक्षा सूत्रों' को विभिन्न माध्यमों से अधिक से अधिक देशवासियों तक पहुँचाने में सहयोग कीजिए. ✌🎖 भारतीय सेना 10 सर्वश्रेष्ठ अनमोल वचन: अवश्य पढें। इन्हें पढकर सच्चे गर्व की अनुभूति होती है... 1. " मैं तिरंगा फहराकर वापस आऊंगा या फिर तिरंगे में लिपटकर आऊंगा, लेकिन मैं वापस अवश्य आऊंगा।" - कैप्टन विक्रम बत्रा,   परम वीर चक्र 2. " जो आपके लिए जीवनभर का असाधारण रोमांच है, वो हमारी रोजमर्रा की जिंदगी है। " - लेह-लद्दाख राजमार्ग पर साइनबोर्ड (भारतीय सेना) 3. " यदि अपना शौर्य सिद्ध करने से पूर्व मेरी मृत्यु आ जाए तो ये मेरी कसम है कि मैं मृत्यु को ही मार डालूँगा।" - कैप्टन मनोज कुमार पाण्डे, परम वीर चक्र, 1/11 गोरखा राइफल्स 4. " हमारा झण्डा इसलिए नहीं फहराता कि हवा चल रही होती है, ये हर उस जवान की आखिरी साँस से फहराता है जो इसकी रक्षा में अपने प्र...

महाराणा प्रताप

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क्या आपने कभी पढ़ा है कि हल्दीघाटी के बाद अगले १० साल में मेवाड़ में क्या हुआ?? इतिहास से जो पन्ने हटा दिए गए हैं उन्हें वापस संकलित करना ही होगा क्यूँकि वही हिन्दू रेजिस्टेंस और शौर्य के प्रतीक हैं।  इतिहास में तो ये भी नहीं पढ़ाया गया है कि हल्दीघाटी युद्ध में जब महाराणा प्रताप ने कुंवर मानसिंह के हाथी पर जब प्रहार किया तो शाही फ़ौज पाँच छह कोस दूर तक भाग गई थी और अकबर के आने की अफवाह से पुनः युद्ध में सम्मिलित हुई है,  ये वाकया अबुल फज़ल की पुस्तक अकबरनामा में दर्ज है, क्या हल्दी घाटी अलग से एक युद्ध था..या एक बड़े युद्ध की छोटी सी घटनाओं में से बस एक शुरूआती घटना.... महाराणा प्रताप को इतिहासकारों ने हल्दीघाटी तक ही सीमित करके मेवाड़ के इतिहास के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया है, वास्तविकता में हल्दीघाटी का युद्ध, महाराणा प्रताप और मुगलो के बीच हुए कई युद्धों की शुरुआत भर था।  मुग़ल न तो प्रताप को पकड़ सके और न ही मेवाड़ पर आधिपत्य जमा सके, हल्दीघाटी के बाद क्या हुआ वो हम बताते हैं। हल्दीघाटी के युद्ध के बाद महाराणा के पास सिर्फ 7000 सैनिक ही बचे थे,  और कुछ ही समय ...