🚩 एक ख़तरनाक साजिश
🔥 “संयुक्त परिवार तोड़कर उपभोक्ता बनाया गया भारत 🌍 “जब परिवार टूटते हैं, तभी बाजार फलते हैं” ये सिर्फ विचार नहीं, रणनीति है। 🌏 आधुनिकता या छुपी हुई ग़ुलामी? ✊🏻भारत की सबसे मजबूत चीज क्या थी? भारत पर मुग़ल आए, अंग्रेज़ आए, और कई हमलावर आए — लेकिन एक चीज़ कभी नहीं टूटी:- 👉 हमारा संयुक्त परिवार। 🔅3 पीढ़ियाँ एक छत के नीचे 🔅 बुज़ुर्गों का अनुभव 🔅बच्चों में संस्कार 🔅खर्च में सामूहिकता 🔅त्यौहारों में गर्माहट यह हमारी असली “Social Security” थी। कोई पेंशन की ज़रूरत नहीं थी, कोई अकेलापन नहीं, कोई Mental Health Crisis नहीं। 💣 पश्चिम को यह चीज़ क्यों खटकने लगी? पश्चिमी देश उपनिवेशवादी रहे हैं उनके लिए बाज़ार सबसे बड़ा धर्म है। लेकिन भारत जैसा देश, जहाँ लोग साझा करते हैं, कम खर्च करते हैं, और सामूहिक सोच रखते हैं वहां वे अपने उत्पाद बेच ही नहीं पा रहे थे। ❇️इसलिए एक शातिर रणनीति बनाई गई: “इनके परिवार ही तोड़ दो, हर कोई अकेला हो जाएगा, और हर कोई ग्राहक बन जाएगा।” 🚩कैसे हुआ ये हमला? 📺 1. मीडिया के ज़रिए संयुक्त परिवार को “झगड़ों का अड्डा”, “बोझ” और “रुकावट” के रूप में दिखाया ...