सहनशीलता
सहनशीलता किसी ने सच ही कहा है “ जो चोट भी ना सह सका , वह कंकर हो गया। और जो विष भी सह गया वह शंकर हो गया। “ हम अक्सर देखते हैं कि लोग छोटी से छोटी बात भी सहन करने को तैयार नहीं होते हैं, मगर हम कुछ छण रुक कर सोचें तो हमें पता चलेगा कि, ऐसा करना व्यर्थ है। क्योंकि यदि हम उस पर प्रतिक्रिया करें तो भी उसका कुछ लाभप्रद परिणाम नहीं निकलता सिवाय बहस और झगड़े के, यदि हम उसको सह जाएं तो हम खुद भी शांत रहेंगे और सामने वाले के गुस्से पर वैसे भी हमारा नियंत्रण कहां है । जैसा कि हम जानते हैं कि, अगर कोई इंसान किसी से कुछ न लेना चाहे तो वह चीज देने वाले के पास ही रहेगी, इसी लिए यदि कोई आपको बुरा-भला बोलता भी है तो आप कुछ न करें मतलब उसे ना ले, उसे सह जाएँ। परिवार में भी यदि कोई गलती करता है, तो उसे सह जाने में ही परिवार की शांति निहित है। यदि घर में हम किसी व्यक्ति के ताने सह जाते हैं, और परिस्थिति के सामने हार नहीं मानते तो सामने वाले को शांत होना पड़ता है। इसी लिए मैं आप से विनम्र निवेदन करता हूँ कि अपने जीवन में यह अनमोल गुण ( सहनशक्ति ) आज औ...