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Showing posts from March, 2020

कोरोना की सामाजिक सीख

 इलाहाबाद के एक गांव में शाम को जो चर्चा  हो रही थी वह कोरोनावायरस पर ही आधारित थी.. कोई कह रहा था कि कोरोना हैजा और प्लेग की तरह ही एक महामारी है तो कोई कह रहा था कि यह चीन से आई बीमारी है , जैसे चीन समान बनाता है वैसे ही बीमारी भी  और कुछ विद्वान यह भी कह रहे थे कि यह विकसित देशों, समाजों ,सभ्याताओं से संक्रमण कर हम लोगों तक पहुंच रही है ।इन सभी की बातों ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया की कोरोनावायरस की सामाजिक सीख क्या हो सकती है। कोरोना से हम सभी डरे हुए हैं और उसके लिए सजग भी हैं। एक तरफ हम दुनिया में कोरोना के कारण बढ़ती मौतों से भयभीत हैं तो वहीं दूसरी तरफ उसका मजाक भी बना रहे हैं। आधुनिकता ने एक तरफ हमारी जीवन शैली आसान कर दी है तो वहीं दूसरी तरफ भारी संकट भी खड़ा कर दिया है।यह संकट विज्ञान के गर्व को तोड़ रहा है। एक तरफ जहां हम globalisation से खुश हुए तो वहीं दूसरी ओर globalisation के कारण मृत्यु का भय भी हम तक आ रहा है। विज्ञान बेबस है , मंदिर, मस्जिद, चर्च सब बंद कर दिए गए हैं।योग और अध्यात्म में भी इसका कोई उपाय नहीं मिल रहा है। पूरब और पश्चिम जिन्हें विकल...

इटली की कहानी

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मेरा मकसद आपको डराना नहीं बस सचेत करना है. आपको ये पढ़ना चाहिए, क्योंकि ये मैसेज आपको ये समझायेगा कि CORONA VIRUS कितना खतरनाक है. इससे आप समझ पाएंगे कि इटली में कितनी तेजी और भयानक तरीके से कोरोना फैला है. ये मैसेज अंग्रेजी में लिखा एक ट्विटर थ्रेड (मैसेज श्रंखला) है, जिसे लेखक ने हिंदी में ट्रांसलेट किया है. पढ़िए और समझिये कि हमारा और आपका सामना किससे हुआ है 👇 भाग 1 अगर आप अभी भी अपने दोस्तों के साथ घूम रहे हैं, होटल जा रहे हैं, पार्टी कर रहे हैं और ऐसे दिखा रहे हैं जैसे ये (कोरोनावायरस) आपके लिए कोई बड़ी मुसीबत नहीं है, तो आप बहुत बड़े भ्रम में हैं.. अपने आप को संभाल लीजिये.. नीचे का सारा मैसेज एक इटालियन लोगों के द्वारा पोस्ट किया गया है.. जो कुछ भी उन्होंने जैसा भी लिखा है उसे वैसा ही लिखा जा रहा है: “सारी दुनिया के लिए सन्देश,, जिन्हें ये पता नहीं है कि उनका सामना किस आपदा से होने वाला है” जैसा कि मैं समझता हूँ इस वक़्त सारी दुनिया को पता है कि इस वक़्त सारा इटली क्वारंटाइन किया जा चूका है.. यानि उसे पूरी तरह से बंद किया जा चुका है.. ये स्थिति बहुत बुरी है.. मगर उन लोगों...

पवित्रता का प्रतीक होली

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पाप सहचरी होलीका के दहन और भक्त प्रहलाद के संरक्षण के पर्व होली की अनन्त ईश्वरीय शुभकामनाएं एवं बधाई होली के त्यौहार का प्रारंभ होलिका दहन से होता है।पौराणिक आख्यानों के अनुसार महर्षि कश्यप और दिति की संतान हिरण्यकश्यपु (स्वर्णिम वस्त्र धारण करने वाला ) अपने भाई हिरण्याक्ष का वध करने के कारण भगवान विष्णु से शत्रुता रखता था। सतयुग से अब तक की यह विडम्बना रही है कि जब भी कोई देव, मानव, दानव या राक्षस अपने युग में सर्वशक्तिमान (बल एवं वैभव में) हो जाता है, तो वह अपने को ईश्वर तुल्य या ईश्वर ही मनवाने पर अड़ जाता है। हिरण्यकश्यप ने भी अपने को ईश्वर घोषित कर दिया था। सामान्यतः पूरी प्रजा ने उसे (भयवश) ईश्वर मान भी लिया था, और उसकी इच्छा अनुसार उसकी पूजा भी करने लगे थे, परंतु उसके पुत्र प्रहलाद ने यह बात स्वीकार नहीं की। अंततः हर मदांध व्यक्ति की तरह हिरण्यकश्यप ने भी अपनी बात ना मानने पर प्रहलाद को क्रूर प्रताड़ना और अंततः मृत्यु देने का निर्णय किया। ( क्योंकि क्रूर शासक का अहंकार ही उसका सबसे निकटवर्ती पुत्र होता है जिसका पोषण वह अपने पुत्र से अधिक करता है)। जैसा कि हम सभी जानते है...