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Showing posts from February, 2020

आपसे निवेदन है की ये मैसेज सभी छात्रो व अभिभावकों तक पहुँचाऐ

1. (α+в)²= α²+2αв+в² 2. (α+в)²= (α-в)²+4αв 3. (α-в)²= α²-2αв+в² 4. (α-в)²= (α+в)²-4αв 5. α² + в²= (α+в)² - 2αв. 6. α² + в²= (α-в)² + 2αв. 7. α²-в² =(α + в)(α - в) 8. 2(α² + в²) = (α+ в)² + (α - в)² 9. 4αв = (α + в)² -(α-в)² 10. αв ={(α+в)/2}²-{(α-в)/2}² 11. (α + в + ¢)² = α² + в² + ¢² + 2(αв + в¢ + ¢α) 12. (α + в)³ = α³ + 3α²в + 3αв² + в³ 13. (α + в)³ = α³ + в³ + 3αв(α + в) 14. (α-в)³=α³-3α²в+3αв²-в³ 15. α³ + в³ = (α + в) (α² -αв + в²) 16. α³ + в³ = (α+ в)³ -3αв(α+ в) 17. α³ -в³ = (α -в) (α² + αв + в²) 18. α³ -в³ = (α-в)³ + 3αв(α-в) ѕιη0° =0 ѕιη30° = 1/2 ѕιη45° = 1/√2 ѕιη60° = √3/2 ѕιη90° = 1 ¢σѕ ιѕ σρρσѕιтє σƒ ѕιη тαη0° = 0 тαη30° = 1/√3 тαη45° = 1 тαη60° = √3 тαη90° = ∞ ¢σт ιѕ σρρσѕιтє σƒ тαη ѕє¢0° = 1 ѕє¢30° = 2/√3 ѕє¢45° = √2 ѕє¢60° = 2 ѕє¢90° = ∞ ¢σѕє¢ ιѕ σρρσѕιтє σƒ ѕє¢ 2ѕιηα¢σѕв=ѕιη(α+в)+ѕιη(α-в) 2¢σѕαѕιηв=ѕιη(α+в)-ѕιη(α-в) 2¢σѕα¢σѕв=¢σѕ(α+в)+¢σѕ(α-в) 2ѕιηαѕιηв=¢σѕ(α-в)-¢σѕ(α+в) ѕιη(α+в)=ѕιηα ¢σѕв+ ¢σѕα ѕιηв. » ¢σѕ(α+в)=¢σѕα ¢σѕв - ѕιηα...

कोयल का विचित्र जन्म

“कोयल-काग“ का उदाहरण:- कोयल पक्षी कभी अपना भिन्न घौंसला बना कर अण्डे-बच्चे पैदा नहीं करती। कारण यह कि कोयल के अण्डों को कौवा  खा जाता है। इसलिए कोयल को ऐसी नीति याद आई कि जिससे उसके अण्डों को हानि न हो सके। कोयल जब अण्डे उत्पन्न करती है तो वह ध्यान रखती है कि कहाँ पर कौवी  ने अपने घौंसले में अण्डे उत्पन्न कर रखे हैं। जिस समय कौवी पक्षी भोजन के लिए दूर चली जाती है तो पीछे से कोयल उस कौवी के घौंसले में अण्डे पैदा कर देती है और दूर वृक्ष पर बैठ जाती है या आस-पास रहेगी। जिस समय कौवी घौंसले में आती है तो वह दो के स्थान पर चार अण्डे देखती है। वह नहीं पहचान पाती कि तेरे अण्डे कौन से हैं, अन्य के कौन-से हैं? इसलिए वह चारों अण्डों को पोषण करके बच्चे निकाल देती है। कोयल भी आसपास रहती है। अब कोयल भी अपने बच्चों को नहीं पहचानती है क्योंकि सब बच्चों का एक जैसा रंग (काला रंग) होता है। जिस समय बच्चे उड़ने लगते हैं, तब कोयल निकट के अन्य वृक्ष पर बैठकर कुहु-कुहु की आवाज लगाती है। कोयल की बोली कोयल के बच्चों को प्रभावित करती है, कौवे वाले मस्त रहते हैं। कोयल की आवाज सुनकर कोयल के बच्चे उड़कर को...

कितना अद्भुभुत है मानव का शरीर

जबरदस्त फेफड़े हमारे फेफड़े हर दिन 20 लाख लीटर हवा को फिल्टर करते हैं। हमें इस बात की भनक भी नहीं लगती। फेफड़ों को अगर खींचा जाए तो यह टेनिस कोर्ट के एक हिस्से को ढंक देंगे। ऐसी और कोई फैक्ट्री नहीं हमारा शरीर हर सेकंड 2.5 करोड़ नई कोशिकाएं बनाता है। साथ ही, हर दिन 200 अरब से ज्यादा रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। हर वक्त शरीर में 2500 अरब रक्त कोशिकाएं मौजूद होती हैं। एक बूंद खून में 25 करोड़ कोशिकाएं होती हैं। लाखों किलोमीटर की यात्रा इंसान का खून हर दिन शरीर में 1,92,000 किलोमीटर का सफर करता है। हमारे शरीर में औसतन 5.6 लीटर खून होता है जो हर 20 सेकेंड में एक बार पूरे शरीर में चक्कर काट लेता है। धड़कन, धड़कन एक स्वस्थ इंसान का हृदय हर दिन 1,00,000 बार धड़कता है। साल भर में यह 3 करोड़ से ज्यादा बार धड़क चुका होता है. दिल का पम्पिंग प्रेशर इतना तेज होता है कि वह खून को 30 फुट ऊपर उछाल सकता है। सारे कैमरे और दूरबीनें फेल इंसान की आंख एक करोड़ रंगों में बारीक से बारीक अंतर पहचान सकती है। फिलहाल दुनिया में ऐसी कोई मशीन नहीं है जो इसका मुकाबला कर सके। नाक में एंयर क...