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Showing posts from January, 2020

नया साल कब से

ना तो जनवरी साल का पहला मास है और ना ही 1 जनवरी पहला दिन.... (आज से 3 वर्ष पहले मेरे द्वारा लिखा गया एक रोचक लेख) अगर आप भी आज तक जनवरी को पहला महीना मानते आए है, तो इस लेख को पढ़कर कृपया पुनः विचार करिए। तथ्य नं:-1 हिन्दी में सात को सप्त, आठ को अष्ट कहा जाता है, इसे अग्रेज़ी में sept(सेप्ट) तथा oct(ओक्ट) कहा जाता है... ऐसे ही nov=9 और dec=10 इसके अनुसार तो सितंबर, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर क्रम से 7वाँ, 8वाँ, 9वाँ और 10वाँ महीना होना चाहिए जबकि ऐसा नहीं है   ये क्रम से 9वाँ,10वाँ,11वां और12वाँ महीना है।  तथ्य नं:- 2 1752(calendar act 1751, England देखे) के पहले दिसंबर दसवाँ महीना ही हुआ करता था। और नव वर्ष 25 मार्च को मनाया जाता था।  http://www.adsb.co.uk/date_and_time/calendar_reform_1752/ इसका एक प्रमाण और है .. जरा विचार करिए कि 25 दिसंबर यानि क्रिसमस को X-mas क्यों कहा जाता है???? इसका उत्तर ये है की "X" रोमन लिपि में दस का प्रतीक है और mas यानि मास अर्थात महीना। चूंकि दिसंबर दसवां महीना हुआ करता था,इसलिए 25 दिसंबर दसवां महीना यानि X-mas से प...

धर्मान्तरण का सच

धर्मान्तरण का सच  ••••••••••••••••••••••••••• जब मोरारजी देसाई की सरकार में धर्मांतरण के विरुद्ध बिल पेश हुआ तो मदर टेरेसा ने प्रधान मंत्री को पत्र लिख कर कहाँ था की ईसाई समाज सभी समाज सेवा की गतिविधिया जैसे की शिक्षा, रोजगार, अनाथालय आदि को बंद कर देगा अगर उन्हें अपने ईसाई मत का प्रचार करने से रोका जायेगा। तब प्रधान मंत्री देसाई ने कहा था इसका अर्थ क्या यह समझा जाये की ईसाईयों द्वारा की जा रही समाज सेवा एक दिखावा मात्र हैं और उनका असली प्रयोजन तो धर्मान्तरण हैं। यही मदर टेरेसा दिल्ली में दलित ईसाईयों के लिए आरक्षण की हिमायत करने के लिए धरने पर बैठी थी। मोहन दास गाँधी ने एक बार कहा ए था कि -- "यदि ईसाई मिशनरी स्वयं को मानवीय कार्य एवं गरीबो को भौतिक सेवाएँ देने में लगाने के स्थान पर चिकित्सा ,सहायता ,शिक्षा का उपयोग धर्मान्तरण के लिए करती है ,तो मै निश्चित रूप से उन्हें देश छोड़ कर जाने के लिए कहूँगा ।प्रत्येक राष्ट्र का धर्म उस राष्ट्र के लिए उपयुक्त होता है ,भारत का भी धर्म निश्चित रूप से भारत के लोगो के लिए उपयुक्त है ।हमें धर्मान्तरण करने वाली आध्यात्मिकता की आवश्यकता...

ध्रुव की वास्तविक कथा

      ☂ बोध कथा ☂        🌲 ध्रुव की वास्तविक कथा 🌲 कैसे 4 साल के भक्त, ध्रुव को भगवान मिले? ध्रुव भक्त और उसकी माता सुनिती को एक दिन का सवा सेर यानि सवा किलोग्राम अन्न खाने को मिलता था । सुनिती ही अपने माता-पिता के पास से ज़िद करके अपनी छोटी बहन सुरिती को माँगकर लाई थी। ध्रुव का पिता उतानपात था। ध्रुव भक्त की मौसी सुरिती यानि उतानपात की छोटी पत्नी ने अपनी बड़ी बहन सुनिती को अलग घर में सज़ा के रूप में छुड़वा रखा था। दिन में केवल सवा सेर अन्न खाने को दिया जाता था। राजा उतानपात को अपनी पत्नी सुनीति से विवाह के कई वर्षों पश्चात् तक कोई संतान प्राप्त नहीं हुई। एक दिन नारद जी ने रानी सुनीति से बताया कि राजा का दूसरा विवाह होगा तो आपको भी संतान प्राप्त होगी और उस नई पत्नी को भी संतान प्राप्त होगी। राजा का वृद्ध अवस्था में दूसरा विवाह हुआ। छोटी पत्नी ने नगर की सीमा पर आकर राजा से वचनबद्ध होकर अपनी शर्त मानने पर विवश किया कि मैं तेरे घर तब चलूंगी, जब तू मेरी बहन को जो आपकी पत्नी है, जाते ही घर से निकालकर दूसरे मकान में रखेगा। उसको सवा सेर अन्न खाने...

हर मर्ज की एक ही दवा है HEMOHIM

स्वस्थ निरोगी काया के लिए सिर्फ एक नाम हिमोहिम  HEMOHIM SOUTH KOREA  क्या आपको आपके परिवार की सेहत की चिंता है   HEMOHIM के काम सम्बंधित लाभ 1. स्वेत प्रदत्त (लीकोरिया) को दूर करता हे 2. स्वेत प्रदत्त से होने वाले क़मर दर्द तथा अन्य रोगों को दूर करता हे। 3. पेट को साफ करता हे 4. चेहरे पे चमक लता है 5. शरीर में आवश्यक तत्वों को जेसे कैल्सियम,फास्फोरस,विटामिन,प्रोटीन अदि तत्वों की पूर्ती करता है। 6. HEMOHIM के सेवन से कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है। 7. एक्जीमा, मुंहासों और सोरियासिस को ठीक करता है।  8. जोड़ों के दर्द को ठीक करता है। 9. शरीर की अकड़न को दूर करना। 10. माइग्रेन और हाई ब्लडप्रेशर की समस्या को ठीक करता है । 11. यदि आप मधुमेह से परेशान हैं तो HEMOHIM का सेवन करें। ये फल ब्लड शुगर स्तर को नियंत्रित करता है। 12. बालों की हर तरह की समस्या जैसे गंजापन और रूखापन दूर करता है । 13. दस्त और कब्ज की समस्या को दूर करता है। ये फल। 14. सांस से संबंधित रोग जैसे अस्तमा जैसी बीमारियों को ठीक करता है। 15. माइग्रेन जैसी गंभीर समस्या को खत्म कर...

अधूरी रह गई एयरफोर्स के जवान की 2 साल की बेटी से मिलने की ख्वाहिश, आधे रास्ते में हो गया हादसा

जिंदगी और मौत के बीच बहुत ज्यादा फासला नहीं होता। यह घटना यही बताती है। छुट्टियां लेकर अपनी फैमिली से मिलने घर के लिए निकले एयरफोर्स के एक जवान की आधे रास्ते में दिमागी बुखार से तबीयत खराब हो गई। उसे फौरन हॉस्पिटल ले जाया गया। वहां लंबे इलाज के बाद रविवार को उसका निधन हो गया। सोमवार को उसके गांव में पूरे सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया गया। जवान की एक दो साल की बेटी थी। वो बेटी और बूढ़े मां-बाप से मिलने आ रहा था। 6 साल पहले हुई थी शादी.. रोहिताश सीकर जिले के डेहरा जोहड़ी की ढाणी डेरावली गांव का रहने वाला था। 29 वर्षीय रोहिताश 27 जुलाई 2009 को एयरफोर्स में भर्ती हुआ था। यह खबर डेली हंट से प्राप्त किया गया है👉    https://bit.ly/2FukFaH अभी वो सूरत में एयरफोर्स की इलेवन बीआरडी एफ यूनिट में तैनात था। रोहिताश की 7 दिसंबर 2014 को बबाई निवासी अनीता से शादी हुई थी। इनकी 2 साल की बेटी आरोही है। रोहिताश 8 भाई-बहनों में 6वें नंबर पर था। वो 21 दिसंबर को छुट्टी लेकर घर आ रहा था। रोहिताश का दिल्ली के सैनिक हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। बेटे की अर्थी देखकर फूट-फूटकर रो...